नई दिल्ली | केंद्र सरकार ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए लघु बचत पर ब्याज दर कम करने के अपने फैसले को वापस ले लिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने ट्वीट कर ये जानकारी दी।
उन्होंने ट्वीट में लिखा, “भारत सरकार की लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें उन दरों पर बनी रहेंगी, जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में मौजूद थीं। जारी आदेश वापस ले लिए जाएंगे।”
पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे दौर के मतदान के बीच फैसला वापस लेने की घोषणा की गई।
एक फैसले में वित्त मंत्रालय ने बुधवार को वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लिए लघु बचत दर में 3.5 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी। जनवरी-मार्च के दौरान छोटी बचत दर सालाना 4 प्रतिशत थी।
इसके अलावा, एक कार्यालय ज्ञापन में, आर्थिक मामलों के विभाग ने कहा था कि 1 साल की समय जमा दरों को 5.5 प्रतिशत से 4.4 प्रतिशत कर दिया गया है, और 2-वर्ष, 3-वर्ष, 5-वर्ष की जमा दर में तिमाही आधार पर क्रमश: 5.0 प्रतिशत, 5.1 प्रतिशत और 5.8 प्रतिशत की कटौती की गई है।
5 साल की आवर्ती जमा को पिछले 5.8 प्रतिशत से 5.3 प्रतिशत तक घटा दिया गया था।
सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई ), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र पर ब्याज दरों में वार्षिक आधार पर क्रमश: 6.4 प्रतिशत, 6.9 प्रतिशत और 5.9 प्रतिशत की कटौती की गई थी।
किसान विकास पत्र पर ब्याज दर को घटाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया गया था।
अब, इन आदेशों को सरकार ने वापस ले लिया है।
इधर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन पर 24 घंटे के भीतर सरकार द्वारा घोषित छोटी बचत पर नई ब्याज दरों को वापस लेने के लिए गुरुवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या यह वास्तव में ‘चूक’ थी या चुनाव के मद्देनजर ऐसा किया गया?
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, “सच में सीतारमन , यह भारत सरकार की योजनाओं पर ब्याज दरों को कम करने का आदेश जारी करने के पीछे चूक थी या इसे चुनाव के मद्देनजर वापस लिया गया?”
–आईएएनएस
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