रायपुर | विधानसभा का आज दसवां दिन है।जिसमे प्रश्नकाल में गोबर खरीदी पर भाजपा के सदस्य शिवरतन ने सवाल दागा। बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने आसन्दी के माध्यम से पूछा- गोबर खरीदी करने वाली एजेंसी कौन सी है? खरीदी के लिए किन लोगों की नियुक्ति की गई है?
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा- पंचायतीराज अधिनियम के तहत गौठान ग्राम पंचायतों की प्रॉपर्टी है। समितियों का गठन पंचायतों द्वारा गठित की गई है।
बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा- ग्राम सभाओं से समिति बनाने का प्रस्ताव मंगाया गया था। 90 फीसदी से ज्यादा समिति अनुशंसाओं के विपरीत बनाये गए हैं।
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा- फरवरी के पहले तक ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से गोबर खरीदी का भुगतान किया गया। इसके बाद कृषि विभाग के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है।
कृषि मंत्री के जवाब को गोलमोल करार देते हुए विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा- 14 वें और 15 वें वित्त आयोग की राशि से भुगतान के लिए पंचायतों पर दबाव बनाया जा रहा है।जबकि यह राशि गांवों के आधारभूत विकास के लिए होती है। शर्मा ने अपने पर्स दौड़ाते हुए पूछा कि मंत्री यह बताए कि गोबर खरीदी का भुगतान किन मदों से किया गया?
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा- मद का भुगतान गोधन न्याय योजना के तहत ही किया गया है।जो सेस सरकार ने लगाया उसके जरिये भुगतान हुआ है।
जवाब पर बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा- कृषि मंत्री सदन को गुमराह कर रहे हैं।
इसके बाद शर्मा ने पूछा कि- 40 लाख टन से ज्यादा गोबर खरीद कर रखा गया है, इसका इस्तेमाल दो महीने के भीतर नहीं किया गया तो यह उपयोग लायक नही रह जाएगा?
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि प्रदेशभर में 6 हजार 200 से ज्यादा गौठान निर्मित हो गए हैं। इन गौठानों में 61 हजार वर्मी कम्पोस्ट के टांकों का निर्माण किया गया है।
बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर के सवालों का जवाब कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे सदन में नहीं दे पाए। जिसके बाद मंत्री के जवाब से असंतुष्ट बीजेपी विधायकों ने सदन से वाकआउट किया।
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