दैहिक शोषणः नाबालिग प्रसूताओं में एक की मौत, दूसरे का नवजात गंभीर
कोरिया जिले में एक हफ्ते भर में दो मामले

चंद्रकांत पारगीर,बैकुंठपुर। कोरिया जिला अस्पताल में बीते एक सप्ताह में ऐसे दो मामले सामने आए, जिसमें दो नाबालिग गर्भवतियों में एक नाबालिग की प्रसव के दौरान मौत हो गई, जबकि दूसरी गर्भवती का बच्चा अभी गंभीर स्थिति में है। वहीं एक अन्य तीसरे मामले 26 वर्षीय गर्भवती का है जिसमें नवजात की हालत नाजुक बनी हुई है। वैसे सभी मामले दैहिक शोषण के हैं।
मामले में जिला अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ भास्कर मिश्रा का कहना है कि जिला अस्पताल प्रबंधन की सूचना पर एक नवजात को बाल संरक्षण अधिकारी के माध्यम से संस्था को सौप दिया गया है, उसकी माता की मौत हो चुकी है। दो नवजात की हालत अभी गंभीर है, उसका इलाज जारी है, मामले की जानकारी पुलिस को भी दे दी गई है।
दूसरी ओर जिला बाल संरक्षण अधिकारी आशीष गुप्ता ने बताया कि नाबालिक गर्भवती की मौत के बाद उनके परिजनों ने नवजात को पालन पोषण करने मे खुद को सक्षम नहीं बताया, जिसके बाद सेवा भारती संस्था अंबिकापुर को आज सौप दिया गया है।
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल बैकुंठपुर में पहुचें मामलों में कम उम्र की दो नाबालिक के प्रसव के मामले सामने आए। एक मामले में घर में प्रसव होने के बाद तबियत बिगडी जिसके बाद नाबलिक गर्भवती को गंभीर रूप से जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसका इलाज जारी है।
इधर, पहला मामला एक 15 वर्षीय नाबालिक का हैं, बच्चे को जन्म देने के बाद उसकी हालत बिगड गयी। नाबालिक का प्रसव घर पर ही करवाया गया था, बाद में उसे जिला अस्पताल लेकर आए थे। जहां उसकी मौत हो गयी। उसके नवजात शिशु को लेने उसके परिजन सामने नही आए। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी को मामले की जानकारी दी, 15 अगस्त के दिन बाल संरक्षण अधिकारी के साथ अम्बिकापुर की सेवा भारती संस्था के सदस्य जिला अस्पताल पहुंचें। प्रबंधन ने नवजात बच्चें को संस्था को सुपूर्द कर दिया।
घर में कराया प्रसव
नाबालिग के गर्भवती होने का दूसरा मामले में 13 वर्षीय नाबालिक गर्भवती हो गयी, उसे घर में प्रसव करा दिया गया, परन्तु जब तबियत बिगड़ने लगी तो उसे गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल पहुंचाया गया, सूत्र बताते है कि इस मामले में आरोपी शोषणकर्ता एक उम्रदराज है जो नाबालिग के परिवार का करीबी बताया जा रहा है। मामले की जानकारी अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को दी दी है। प्रसव के बाद नाबालिक के स्वास्थ्य में सुधार देखा जा रहा है, जबकि जन्मे नवजात की हालत गंभीर बनी हुई है, उसे एसएनसीयू में रखकर उसका इलाज चिकित्सकों की निगरानी में किया जा रहा है।
नवजात गंभीर जारी है इलाज
चौथा मामला प्रेम प्रसंग का है, दरअसल, इस मामले में 26 वर्षीय गर्भवती से 22 वर्षीय युवक का प्रेम प्रसंग था। प्रसव होने के बाद कानूनी पचडों से बचने अब युवक महिला से विवाह करने के लिए तैयार हो गया है। इधर प्रसव के बाद नवजात की हालत नाजुक बनी हुई है। उसे भी एसएनसीयू में रख कर इलाज जारी रखा गया है। मामले की जानकारी जिला अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को दे दी है।