क्या डॉ. रमन सिंह की तरह भाजपा मानती है कि अजीत जोगी आदिवासी थे
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने पूछा सवाल

रायपुर | मरवाही उप-निर्वाचन को लेकर सियासी घमासान लगातार जारी है। सभी दल एक दूसरे पर राजनीतिक बयां साधने में कहीं पीछे नहीं है। मरवाही में पहली बार जोगी परिवार चुनाव से बहार होंगे और यही वजह है की यही मुद्दा सबसे ज्यादा चुनावी मुद्दा बन गया है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से सवाल पूछा है। विकास का कहना है कि प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की इकाई को यह स्पष्ट करना चाहिये कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जो स्वर्गीय अजीत जोगी और उनके पुत्र अमित जोगी को आदिवासी मानते थे और 15 सालों में उनके साथ खड़े रहे जबकि भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता पूर्व राज्यसभा सांसद श्री नंदकुमार साय एवं वरिष्ठ पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर द्वारा लगातार पिछले 15 सालों में इस बात पर जोर देकर कहा जाता था कि अजीत जोगी, अमित जोगी नकली आदिवासी है और उन का जाति प्रमाण पत्र भी नकली है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह अपने राजनीतिक स्वार्थ के चलते अजीत जोगी और उनके पुत्र अमित जोगी को लगातार संरक्षण देने का काम करते थे जो कि दूषित राजनीति का एक जीता जागता उदाहरण है।
एक ओर जहां पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह फर्जी एवं नकली आदिवासियों का खुलेआम साथ देते थे और अपने ही दल के वरिष्ठ आदिवासी नेताओं का उपेक्षा करते थे उनके द्वारा जब यह बताया जाता था कि अजीत जोगी और अमित जोगी असली आदिवासी नहीं है और नकली प्रमाण पत्र प्राप्त करके वह मरवाही का चुनाव लड़ते हैं तो भी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के द्वारा उनकी मांगों को और बातों को अनदेखी कर दिया जाता था मरवाही चुनाव में जब नंदकुमार साय और अजीत जोगी चुनाव लड़े तब अभी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का झुकाव अजीत जोगी की तरफ ही रहता था।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने भाजपा की प्रदेश इकाई पर तल्ख़ सवाल करते हुए पूछा कि प्रदेश भाजपा को यह बताना चाहिए कि वह अजीत जोगी और अमित जोगी को आदिवासी मानते हैं जिस तरह पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह उन्हें आदिवासी मानते थे प्रदेश भाजपा को यह भी बताना चाहिये कि क्या आदिवासी नेता नंदकुमार साहू और ननकीराम कंवर की तरह अजीत जोगी और अमित जोगी को नकली आदिवासी मानते थे तो भाजपा की प्रदेश इकाई अपने आदिवासी नेताओं के बयान से सहमत है कि नहीं है इस बात का स्पष्टीकरण भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई को देना चाहिये। भाजपा के अंदर अंदरूनी लड़ाई छिड़ चुकी है जो कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के लिये है भाजपा के आदिवासी नेता इस बात को लेकर नाराज हैं कि पिछले 15 सालों में अजीत जोगी के जाति प्रकरण को रमन सिंह द्वारा दबा कर रखा जाता था अब जब छानबीन जांच समिति के द्वारा अमित जोगी और उनकी धर्मपत्नी रिचा जोगी को आदिवासी नहीं माना है, तब भी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह शादी में नाराज फूफा की तरह नाराज बैठे हैं और वहीं दूसरी ओर भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं। प्रदेश की जनता भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु साय से जानना चाहती है कि वह किस तरफ है क्या व रमन सिंह की तरह अजीत जोगी अमित जोगी को आदिवासी मानते हैं या अपने ही पार्टी के वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकीराम कंवर और नंदकुमार शायद ऐसा अजीत जोगी और अमित जोगी को नकली आदिवासी मानते हैं।