रजिंदर खनूजा, पिथौरा|महासमुन्द जिले की सरहद से लगे बलौदाबाजार जिले के वन परिक्षेत्र अर्जुनी में वन भूमि पर लगे छोटे पेड़ो को काट कर अतिक्रमण करने वाले एक आरोपी का अतिक्रमण तोड़ कर कार्यवाही की गई है।ज्ञात हो कि प्रदेश का यही एक मात्र वन परिक्षेत्र है जहाँ वन भूमि में अतिक्रमण के विरुद्ध कठोर कार्यवाही कर भूमि को मुक्त कराया जा रहा है।
महासमुन्द जिले के अनेक जंगलो में लगातार अवैध कटाई कर वन भूमि को खेतों में बदला जा रहा है।जिससे दिनोदिन जंगल का रकबा तेजी से घटता जा रहा है जिसका खामियाजा भविष्य में भोगना पड़ सकता है। ऐसे ही जंगल काट कर वन भूमि पर कब्जा करने वाले एक ग्रामीण के बारे में सूचना मिलते ही उपवन मंडलाधिकारी कसडोल उदयसिंह ठाकुर के मार्गदर्शन एवं प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी अर्जुनी आलोक कुमार बाजपेयी (आई.एफ.एस. प्रशिक्षु) एवं टी.आर. वर्मा सहायक वन संरक्षक के निर्देशन में वन अमला सक्रिय हुआ|
थरगांव परिवृत्त के संरक्षित वन कक्ष क्रमांक 324, वन भूमि में अर्जुन वल्द फागुलाल मिर्धा जाति कोड़ाकू ग्राम बिलाड़ी (ज) के द्वारा 0.284 हेक्टेयर क्षेत्र में झाडि़यों, बल्ली को काटकर एवं अस्थायी झोपड़ी निर्माण कर अतिक्रमण का प्रयास किया जा रहा था।
जिससे शासन को 187608.00 रूपये की क्षति हुई है। जिसके विरूद्ध अतिक्रमण हटाकर भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 33(क) एवं 33(1)(ग) के अपराध में पी.ओ.आर. प्रकरण जारी कर अभियुक्त को जेल दाखिला हेतु न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है।
वन अपराध प्रकरण की विवेचना सुखराम छात्रे, वनपाल सहायक परिक्षेत्र अधिकारी थरगांव द्वारा किया जा रहा हैं ।
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