रायपुर | मंत्री ताम्रध्वज साहू के विभागों की अनुदान मांग पर आज विधानसभा में चर्चा शुरू हुई। जिसमे आसन्दी द्वारा विपक्ष के वक्ताओं को समय की व्यवस्था दी गई। चर्चा में सबसे पहले बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कटौती प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कहा कि मंत्री ताम्रध्वज साहू के पास पांच महत्वपूर्ण विभाग है। 2018 का जब चुनाव हो रहा था तब स्लोगन दिया गया था “गढ़बो नवा छत्तीसगढ़” यह कैसा छत्तीसगढ़ गढ़ा गया है इसे प्रदेश की जनता समझ रही है। छत्तीसगढ़ अपराध गढ़ के रूप में परिवर्तित हुआ है. शांति के टापू छत्तीसगढ़ को अपराध गढ़ में बदलने का काम सरकार ने किया। कोई भी ऐसा अपराध नहीं है जो छत्तीसगढ़ में नहीं हो रहा हो।
इस बीच विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने अधिकारियों की गैर मौजूदगी को लेकर सवालउठाते हुए कहा- यह उचित नही है कि जिस विभाग पर चर्चा चल रही हैं उन विभागों के सचिव अधिकारी दीर्घा में मौजूद नहीं है। इस पर मंत्री साहू ने अधिकारियों के पक्ष लेते हुए अधिकारियों की मौजूदगी की जानकारी आसन्दी को दी। वही नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सचिव की मौजूदगी से मंत्री का सम्मान बना रहे।
शिवरतन शर्मा ने चर्चा में समाचार पत्र में छपी खबरका हवाला देते हुए कहा कि 8 करोड़ रूपये के जाली नोट ओडिशा की पुलिस ने पकड़ी। ये जाली नोट नया रायपुर में छपता था, जहाँ पुलिस मुख्यालय है।
– छत्तीसगढ़ में हत्या की सुपारी ली जा रही है।
– छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया, सोशल मीडिया पर ये चल रहा है।
– एक और स्लोगन चल रहा है-“ऐसा कोई सगा नहीं जिसे उन्होंने ठगा नहीं” छत्तीसगढ़ का यही हाल है।
– छत्तीसगढ़ में 2019 में 900 से ज्यादा हत्याएं हुई है।2020 में छह सौ से ज्यादा हत्याएं हुई है। बलात्कार और लूटपाट की घटनाएं भी बढ़ी है।
– हत्या, चोरी, बलात्कार, जैसी घटनाएं हर जगह बढ़ी है। सरकार बताये कि कौन सा एरिया सुरक्षित रह गया है?
– कहीं न कहीं अपराधियों को सरकार का संरक्षण दिया जा रहा है।
– हाथरस की घटना पर पूरे देश के नेता और मीडिया वहां जाता है लेकिन छत्तीसगढ़ में बलात्कार की घटना को सरकार का मंत्री छोटा बताता है और सरकार में गृहमंत्री उस बयान का खंडन तक नहीं करते।
– पीसीसी चीफ की विधानसभा में एक आदिवासी बच्ची के साथ बलात्कार होता है।
– छत्तीसगढ़ में अपराध बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है कि नशे का कारोबार बढ़ना। 2018 में जब सरकार बनी तब यह कहा गया था कि सरकार बनते ही शराबबंदी की जाएगी। शराबबंदी तो दूर अब शराब की ऑनलाइन डिलीवरी की जा रही है। जिस कोचिया सिस्टम को बीजेपी की सरकार ने बंद करवा दिया था उसे फिर से इस सरकार ने शुरू कर दिया है।
– जनवरी और फरवरी में ही दो हजार 335 ग्राम गांजा पकड़ा गया है। आज स्थिति ये है कि किसी भी गांजा दुकान में चले जाओ पुड़िया मिल जाएगी। पुलिस को सब पता है लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के नेता का संरक्षण प्राप्त होने की वजह से पुलिस कार्रवाई नहीं कर सकती।
– 2019 में 17 हजार से ज्यादा , 2020 में 14 हजार से ज्यादा अवैध शराब के प्रकरण दर्ज हुए हैं। 99 फीसदी शराब छत्तीसगढ़ में ही बनती हैं, अलग-अलग प्रान्तों का लेवल लगाया जाता है और यही खपाया जाता है। ये मुख्यमंत्री से लेकर गृहमंत्री तक जानते हैं कि अवैध शराब का काम कौन देख रहा है।
– शराब दुकानों की स्थिति ये है कि जो अतिरिक्त कोरोना शुल्क लगाया गया इसके अतिरिक्त शराब पर 10 से 15 रुपये एक्सेस शुल्क लिया जा रहा है।
– शराब की वजह से होने वाली दुर्घटनाओ में 5 हजार 244 लोग मरे है और 17 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए है।
– 2018 में जब सरकार बनी तब घोषणा पत्र में पुलिस के लिए कई वादे थे। मंत्री से मैं पूछता हूँ कि पुलिस कल्याण कोष में कितना शासकीय अनुदान दिया। कितने थानों में महिला सेल बनाया गया। पुलिस के तृतीय और चतुर्थ कर्मचारियों के लिये कितने आवास दिए गए? ये बता दीजिए।
– पुलिस के साप्ताहिक अवकाश का वादा किया था।70 हजार के बल वाले राज्य में यदि साप्ताहिक अवकाश दिया जाए तो 10 हजार लोग रोज छुट्टी पर रहेंगे।
– रमन सरकार में नक्सली बैक फुट पर गए थे। अब नक्सली कहते हैं कि ये हमारी सरकार है। 54 पुलिस कर्मी मारे गए हैं। 61 से ज्यादा आम नागरिकों की हत्या पुलिस ने की है।
– जेल विभाग की स्थिति ये है पिछले साल सूरजपुर, पेंड्रा,नारायणपुर, सुकमा, बालोद को जिला जेल में बदलने की घोषणा सदन में की थी। यह आज तक नही हो पाया। जेलों में क्षमता से अधिक कैदी रखे गए हैं। एक बंदी को दिन भर में 525 ग्राम चावल या आटा, दाल 115 ग्राम, शक्कर 25 ग्राम, हल्दी 1 ग्राम ये दिया जा रहा है। नास्ते में सिर्फ खिचड़ी दी जाती है। मानवीय दृष्टिकोण दिखाइए। क्या यह एक बंदी के लिए पर्याप्त है।
– एक्सप्रेस हाइवे क्षतिग्रस्त हुआ। जब क्षतिग्रस्त हुआ तब मंत्री लाव लश्कर के साथ देखने गए। उन्होंने बयान दिया कि भ्रष्टाचार में लिप्त सभी लोगों को ठीक किया जाएगा। किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। दो साल हो गए क्या हुआ? किसी एक पर भी कार्रवाई हुई? स्काई वाक जस का तस पड़ा हुआ है।
स्पीकर ने विधायक को टोका
अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए शिवरतन शर्मा को आधे घंटे से ज्यादा हो गया था। स्पीकर डॉ. महंत ने शिवरतन शर्मा को टोकते हुए समय पार होने की बात कही और दूसरे को मौका देने की बात कही। इस पर विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- सदन परम्पराओं से चलती है। वहीं अजय चंद्राकर ने कहा कि , बेहतर है कि गिलोटिन से बजट पारित कर दिया जाए। इसके बाद विधायक शिवरतन शर्मा अपना स्थान ग्रहण करते हुए कहा की गृह मंत्री के मुद्दे पर हमारी पार्टी की ओर से कोई भी सदस्य नहीं बोलेगा। जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने खड़े भाजपा के सभी सदस्यों के साथ सदन से बाहर निकल गए। कौशिक ने कहा- बगैर चर्चा बजट पारित कर दिया जाए।
भाजपा के सदस्यों को मनाने पहुंचे मंत्री चौबे
नाराज भाजपा के सदस्य सदन छोड़कर नेता प्रतिपक्ष रामलाल कौशिक के कक्ष मजाक कर बैठ गए थे।नाराज भाजपा के सदस्यों को मनाने के लिए संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे नेता प्रतिपक्ष के कक्ष में पहुंचे और सभी सदस्यों को मनाने की पुरजोर कोशिश की और सदन में वापस आने की बात भी कही। लेकिन किसी भी सदस्य ने मंत्री चौबे की बात को नहीं माना। मंत्री चौबे ने विधनसभा अध्यक्ष से चर्चा करने की बात कही।
सदन से भाजपा सदस्य नदारद भाजपा के सदस्यों के बिना सदन में अनुदान मांगों पर चर्चा जारी रही। आसंदी की व्यवस्था के अनुसार सत्तापक्ष को करीब ढाई घंटे का समय दिया गया था। जिसमें सत्तापक्ष की ओर से सदस्यों ने अनुदान मांग पर अपनी-अपनी बात आसंदी के सामने रखी। इस मौके पर भाजपा के सदस्य नाराजगी को बरकरार रखते हुए कार्यवाही में शामिल नहीं हुए।
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