Video:बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले का अनशन अंततः समाप्त

महासमुंद। महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले का अनशन अंततः समाप्त हो गया है। श्री बोदले ने संचालक महिला एवं बाल विकास श्रीमती दिव्या मिश्रा और कलेक्टर डोमन सिंह के समक्ष अनशन समाप्त किया। श्रीमती मिश्रा ने कलेक्टर के कक्ष में उन्हें लस्सी पिलाई। इसी के साथ श्री बोदले का अनशन समाप्त हो गया।

महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री बोदले बीते रविवार को अपने निवास पर रेडी-टू-ईट वितरण योजना में अनियमितता एवं मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 टेण्डर प्रक्रिया की शिकायत को लेकर अनशन पर बैठे थे।

संचालक महिला एवं बाल विकास श्रीमती दिव्या मिश्रा ने सोमवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि महिला एवं बाल विकास अधिकारी शिकायत बिन्दुओं की गठित जांच दल द्वारा सोमवार को महासमुंद परियोजना ग्रामीण की जांच की गई।

प्रथम दृष्टया रेडी-टू-ईट गुणवत्तापूर्ण नहीं पाए जाने पर प्रगति महिला स्व-सहायता समूह बरोंडाबाजार एवं एकता महिला स्व-सहायता समूह लभराखुर्द को बर्खास्त किया गया तथा संबंधित सेक्टर के दो पर्यवेक्षक श्रीमती शशि जायसवाल बरोंडाबाजार एवं श्रीमती दीपमाला तारक लभराखुर्द को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनांतर्गत वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के क्रय में प्रथम दृष्टया में अनियमितता परिलक्षित हो रही है। फलस्वरूप वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 का संबंधित भुगतान पर रोक लगा दी गई है। प्रकरण की जांच पूर्ण होने पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

बता दें महिला बाल विकास विभाग में मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना और रेडी-टू-ईट योजना में करीब 30 लाख रुपए की गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जांच के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से महिला बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले ने   घर पर ही अनशन शुुरु कर दिया था ।

अनिश्चितकालीन के लिए अनशन पर बैठे अधिकारी ने बताया था कि मामले में जांच प्रतिवेदन जिला प्रशासन और उच्च अधिकारियों को सौंपे जाने के बाद भी जब कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होने अनशन करने का फैसला लिया। इसके लिए जिला प्रशासन से स्थल और अनशन की अनुमति के लिए पत्र लिखकर मांग की लेकिन प्रशासन से जब जवाब नहीं मिला तो वे घर पर ही अनशन पर बैठ गए।

सुधाकर बोदले ने अनशन स्थल पर विभाग द्वारा मुख्यमंत्री विवाह कन्या दान योजना अंतर्गत हितग्राहियों के लिए उनके कार्यकाल में खरीदी की गई सामग्री के साथ पिछले दो वर्ष से खरीदी की जा रही सामग्री को अनशन स्थल में गुणवत्ता दिखाने के लिए रखा था । इसके अलावा जांच के दौरान हितग्राहियों को वितरण किए गए रेडी टू ईट को भी उन्होंने रखा था|

उन्होने बताया कि विवाह योजना के लिए जो सामान खरीदे गए हैं उसकी कीमत 12 हजार रुपए बताई गई है। जबकि बाजार में उक्त सामग्री की कीमत करीब 7 हजार रुपए है। जिसका मूल्यांकन उन्होंने स्वयं जांच के दौरान किया है। उन्होंने बताया कि कन्यादान योजना में 20 लाख रुपए की गड़बड़ी जांच में सामने आई है।

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प्रकाशित
Nirmalkumar Sahu

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