महासमुंद: खरीदी केंद्र बदलने से नाराज किसानों ने ताला जड़ा, अफसर बंधक
एसडीएम द्वारा भेजे गए नोडल अधिकारी आक्रोश देख वापस, एसडीएम से बात करना चाहते हैं किसान

रजिंदर खनूजा, पिथौरा| महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लॉक मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर सरकड़ा ग्राम के संग्रहण केंद्र में नाराज किसानों ने सहकारी समिति में ताला जड़ दिया। समझाइश देने पहुंचे अफसरों को बंधक बना लिया|
इस केंद्र में अब तक धान खरीदी कार्य प्रारम्भ नहीं हो पाया है। ज्ञात हो कि जिले में इस वर्ष धान खरीद हेतु निजी भूमि को छोड़कर सरकारी भूमि पर बनाने से कुछ ग्रामो के किसानों को अपना धान नए सहकारी केंद्र तक ले जाने में परेशानी हो रही है जिससे उनमें आक्रोश दिखाई दे रहा है।
कल मंगलवार से धान खरीदी प्रारम्भ होते ही कुछ केंद्रों में आपाधापी मचने, तो कुछ में खरीदी केंद्र मनपसन्द स्थान पर नहीं बनाये जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। धान खरीदी केंद्र आरंगी सोसायटी के किसानों का तीन दिनों से प्रदर्शन जारी है।
यहां नरसैयापल्लम धान खरीदी की जगह बम्हनी धान खरीदी बनाये जाने से किसान है। आक्रोशित किसानों ने किया चक्काजाम भी किया था। परन्तु स्थानीय प्रशासन की समझाइश के बाद यह केंद्र प्रारम्भ हुआ और यहां धान खरीदी जारी है।
इसके अलावा अनेक वर्षों से चर्चा में रही सरकड़ा सोसाइटी इस बार पुनः चर्चा में है। इस बार किसान धान खरीदी केन्द्र विद्या मंदिर कैम्पस से हटाकर समीप के ग्राम पटपरपाली में शासकीय भूमि पर बनाया गया धान खरीदी केंद्र किसानों को रास नहीं आया और सरकडा के ग्रामीणों ने सरकड़ा सोसायटी में ताला जड़ दिया।
मैनेजर-व्यवस्थापक बंधक
इधर किसानों को केंद्र हेतु इस वर्ष आंदोलन कर समय नष्ट न करने की समझाइश देने जब सरकड़ा समिति के व्यवस्थापक जी एल चंद्राकर के साथ सहकारी बैंक प्रबंधक प्रमोद कुमार मांझी किसानों के बीच पहुंचे तो किसानों ने उनकी बात सुनने की बजाय उन्हें ही बंधक बना कर अपने बीच बैठा लिया।
इन पंक्तियों के (शाम 4 बजे )लिखे जाने तक सहकारी समिति में ताला जड़ा है।
एसडीएम द्वारा जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी श्री नायक को ग्रामीणों के बीच भेजा गया था परन्तु ग्रामीणों का आक्रोश देख कर वे बाहर से ही वापस आ गए।
पिथौरा पुलिस भी ग्राम में सुरक्षा हेतु तैनात है।ग्रामीण एसडीएम से चर्चा करना चाहते है परन्तु एसडीएम शाम 4 बजे तक नहीं पहुंचे थे।
ज्ञात हो कि इस वर्ष किसानों की पंजीयन संख्या बढ़ी है और अब तक सरकड़ा सहकारी समिति के किसान खरीदी केंद्र बदलने की मांग करते हुए अपने दो दिन खराब कर चुके हैं ।क्योंकि इस बार शासन द्वारा 15 अक्टूबर की बजाय एक नवम्बर से धान खरीदी प्रारम्भ कर 15 दिन पहले ही कम कर दिया है।
अब आंदोलन से किसान और भी नुकसान से बच नहीं पाएंगे, बहरहाल पूरे जिले में किसान उत्साह के साथ अपनी फसल को सरकारी मूल्य पर जल्द से जल्द विक्रय करने हेतु प्रयासरत है|
देश टीवी ने पहले ही धान खरीदी तैयारियों को लेकर रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित किया है|