यूजीसी : अब कॉलेजों को बताना होगा ” गुरुजी के शिक्षा का पैमाना “
यूजीसी ने ज़ारी किया रेगुलेशन 2018 का ड्राफ़्ट

नई दिल्ली / रायपुर। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने शिक्षा के स्तर को और भी बेहतर करने के लिए यूजीसी रेगुलेशन 2012 में बड़ा बदलाव किया है। यूजीसी ने रेगुलेशन 2018 का ड्राफ्ट कंप्लीट कर सार्वजनिक किया गया है।
इस ड्राफ्ट में यूजीसी ने अपने कई नियमों को बदला है। जिसमें सबसे अहम फैसला यूजीसी ने शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने को लेकर लिए हैं। इसके तहत अब किसी भी यूनिवर्सिटी को या फिर यूनिवर्सिटी से संबंधित महाविद्यालयों को एडमिशन के 60 दिन पहले, यानी 2 महीने पहले महाविद्यालय में आबंटित सीटों की संख्या, फीस, छात्र पात्रता के नियम को सार्वजानिक करना होगा। इसके साथ ही वहां पढ़ने वाले प्रोफ़ेसर की शैक्षणिक योग्यता के साथ उनके अनुभव जैसी समस्त जानकारी भी अपनी वेबसाइट पर अपडेट करनी होगी। ये सभी जानकारियां न सिर्फ यूनिवर्सिटी को अपनी वेबसाइट पर अपडेट करनी होगी बल्कि इसका एक ड्राफ्ट बनाकर यूजीसी को भी भेजना होगा। साथ ही साथ सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को यह भी बताना होगा कि उनके यहां कितनी रेगुलर फैकल्टी और कितने गेस्ट लेक्चरर अपनी सेवाएं दे रहे हैंI
सुविधाओं की भी देंगे रिपोर्ट
छात्रों के लिए टेबल, बेंच, बाथरूम, कैंटीन, कॉमन रूम, लाईब्रेरी, कंप्यूटर लैब, लैब, पार्किंग जैसी तमाम सुविधाओं की विस्तृत जानकारी भी महाविद्यालय और यूनिवर्सिटी को यूजीसी को अपने तैयार ड्राफ्ट में देनी होगी। इसके साथ ही महाविद्यालय में होने वाली विभिन्न गतिविधियों और उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों का भी उल्लेख यूजीसी को भेजने वाले ड्राफ्ट में महाविद्यालयों और विश्व विद्यालयों को करना होगा।
अपडेट नहीं है वेबसाईट
छत्तीसगढ़ में अब तक ज्यादातर कॉलेज की वेबसाइट अपडेट नहीं है। प्रदेश में कई महाविद्यालय तो ऐसे भी हैं, जिनकी वेबसाइट ही नहीं है। और जिनकी है वह अपडेट नहीं है। ऐसे कॉलेजों पर यूजीसी सख्ती दिखाने के फ़िराक में है।