Video:कांस्टेबल पुष्पराज सिंह की मौत को परिजनों ने माना सुनियोजित हत्या

मातहतों पर ही लगा आरोप,सीबीआई जाँच की मांग

जांजगीर | छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में गुरुवार की देर रात हुई कांस्टेबल पुष्पराज सिंह की मौत ने सभी को चौका दिया। कांस्टेबल पुष्पराज सिंह को उसके मातहतों के अलावा समाज से जुड़े कई लोग उसे करीब से जानते थे। कारण था उसकी मुखरता। पुष्पराज पुलिस का वह जवान था जो अपने ही विभाग की काली करतूत को कई बार उजागर किया और आगे भी कई अफसरों की संदिग्ध गतिविधियों को उजागर करने वाला था। 

घटना पर संशय 

पुष्पराज की मौत को अब सभी संशय भरी निगाह से देखने लगे हैं। गुरुवार रात सड़क के किनारे पुष्पराज की लाश देशी शराब दुकान के पास की सड़क पर मिली।पुष्पराज की स्कूटी गिरी मिली, घटना स्थल के पास उसके शरीर पर बिजली के तार लिपटे हुए थे। गले में भी तार उलझा हुआ था। जिसे देखकर पुलिस तो इसे एक हादसा करार दे रही है। मगर परिजन इसे हादसा नहीं बल्कि एक सोची समझी हाई प्रोफ़ाइल हत्या बता रहे हैं।

जाँच पर टिकी नजर 

जांजगीर पुलिस अब इस मामले में जांच कर रही है। पुष्पराज की लाश तार में फंसी मिली थी। पुलिस का मानना है कि स्कूटी रफ्तार में होने की वजह से अनियंत्रित होकर घुम गई और तार पुष्पराज के गले में कसता चला गया। इसी वजह से पुष्पराज का दम घुट गया और उसकी मौत हो गई। हालांकि फॉरेंसिक एक्सपर्ट इस मामले अब तक कोई राय नहीं दिया। लेकिन पुष्पराज सिंह की शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में हृदय की धड़कन रुकने से मौत होना लिखा गया है। अब मामले को संगीन मानते हुए SP पारुल माथुर ने कलेक्टर को मजिस्ट्रियल जांच करवाने के लिए प्रपोजल भेजा है। जल्द ही कलेक्टर घटना की जांच के लिए टीम का ऐलान कर सकते हैं। मामले की जाँच की जानकारी SDOP  ने दी।

मौत पर उठते सवाल 

पुष्पराज की मौत पर सवाल इसलिए उठ रहा है, क्युकी मौत के महज एक दिन पहले ही पुष्पराज सिंह ने अपने फेसबुक वाल पर एक पोस्ट किया था। जिसमें उसे बर्खास्त करने या सस्पेंड करने की धमकी मिलने की बात लिखी हुई है। पुष्पराज लगातार, पुलिस वालों से पुलिस लाइन में मजदूरों की तरह काम करवाने, खराब क्वालिटी के बुलेट प्रूफ जैकेट, नक्सल मामले पर पुलिस और सरकार की नीतियों पर खुलकर खिलाफत करते रहे हैं। यही नहीं वो अपने थाना प्रभारी द्वारा जुआ खिलवाने का भंडाफोड़ भी जल्द करने वाला था। इसके पहले भी पुष्पराज पूर्व SP नीथू कमल के खिलाफ भी वह कई आरोप लगाए थे। वर्तमान SP पारुल माथुर और ASP पर भी पुष्पराज ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसे अपने फेसबुक में भी वह डाल रखा था। जिसे लेकर बवाल भी मचा हुआ था। यही नहीं पुष्पराज तीन बार विभाग से बर्खास्त किया गया थे। तीनो बार उस पर गंभीर आरोप थे। लेकिन तीनो बार ही उसे भाली मिल गई। इस समय पुष्पराज सक्ती थाने में आरक्षक पदस्थ था। पिछले साल पुष्पराज ने अपने एक साल का वेतन कोरोना राहत के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कर दिया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री और गृह मंत्री ने उसकी खूब तारीफ भी की थी।

परिजनों ने माना प्लान्ड मर्डर 

परिजनों ने पुष्पराज के पोस्टमार्टम के बाद मिले शव का शुक्रवार को अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन उसके पिता सीताराम सिंह ने मुक्तिधाम पर ही अपने बेटे के जलती चिता के सामने पुष्पराज की हत्या कीया जाना दोहराया है। पिता ने तो साफ़ शब्दों में पुलिस के मातहतों का बाकायदा नाम लेते हुए उन पर ही सारा आरोप मढ़ दिया। उनके जो शब्द थे वो वाकई दिल दहला देने वाले थे। 

वहीँ पुष्पराज के बड़े भाई जगदीप का कहना है कि मौत से कुछ देर पहले ही पुष्पराज ने एक वीडियो का जिक्र किया था जिसमे अपने अधिकारीयों की पोल खोलने की बात कही थी। ऐसे कई विवादित पोस्ट की वजह से नाराज होकर पुष्पराज की हत्या विभाग वालों ने ही कर दी। उन्होंने तो शासन द्वारा दी गई अनुग्रह राशि 50 हजार को ठुकराते हुए SP को उनके खर्च के लिए दे देने की बात कही। जगदीप ने मजिस्टेरियल जांच के बदले CBI जांच की पुरजोर मांग की है। साथ ही SP, SDOP और TI को पद से हटाने सरकार से निवेदन भी किया है ताकि ये अधिकारी जांच को बाधित ना कर सके।

पुलिस पर ही दाग 

पुष्पराज की मौत के बाद उठे सवाल पहली बार नहीं है। इसके पहले भी रक्षा करने वाले विभाग पर भक्षक का आरोप इसी विभाग के आला अफसर और जवान लगा चुके हैं। आपको याद होगा 12 मार्च 2012 को बिलासपुर में IPS राहुल शर्मा की मौत। तत्कालीन SP राहुल शर्मा की जब मौत हुई तब उनका सुसाइडल नोट पर सबकी निगाह तो पड़ी लेकिन हुआ कुछ नहीं। राहुल शर्मा ने पुलिस के सिस्टम पर ही सवाल खड़ा किया था। राहुल तो IPS अफसर थे तो उनके मौत की जाँच पर आज तक पर्दा डला हुआ है। अब पुष्पराज तो महज एक आरक्षक था। पुलिस विभाग पर समय समय पर लगते आरोप के काई को कैसे मिटाया जाये ये तो सरकार ही बताएगी। अब देखना होगा की परिजनों द्वारा पुष्पराज की मौत की जाँच CBI से कराने की गुहार सरकार सुनती है या फिर वही धाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होती है। ये समय बताएगा।

पुष्पराज की हत्या या हादसा ,देखिये ये वीडियो-