सिलगेर गोलीबारी की होगी मजिस्ट्रियल जांच,कलेक्टर ने दिए निर्देश

सुकमा | सिलगेर में हुए गोलीबारी की सुकमा कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जाँच के आदेश दे दिए हैं। जांच का जिम्मा डिप्टी कलेक्टर रूपेन्द्र पटेल को दी गई है। 

सुकमा कलेक्टर विनीत नंदनवार ने सुकमा जिला अंतर्गत ग्राम सिलगेर में हुई गोलीबारी के लिए मजिस्ट्रियल जांच सुकमा के पुलिस अधीक्षक के.एल. ध्रुव के प्रस्ताव के बाद निर्देशित कर दिया है।  घटना की जांच के लिए जाँच अधिकारी सुकमा के डिप्टी कलेक्टर रूपेन्द्र पटेल  की नियुक्ति की गई है। कलेक्टर ने  जांच के लिए बिन्दु निर्धारित करते हुए जांच अधिकारी पटेल को एक माह के भीतर जांच पुरी कर प्रतिवेदन एवं आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि 17 मई को सिलगेर बेस कैंप में क्रॉस फायरिंग की घटना हुई थी।  जिसमे 3 लोगों की जान गई थी और 9 ग्रामीण घायल हुए थे। जिसे लेकर आसपास के करीब 5 हजार ग्रामीणों ने जमकर विरोध जताया था। ये मामला अभी भी शांत नहीं हुआ है। जिसे देखते हुए सीपीआई नेता व आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजाम और सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने पुरे घटनाक्रम की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों की टीम से कराने की मांग की थी। 

दरअसल, बेस कैंप का विरोध ग्रामीणों ने कई दिनों से ही शुरू कर दिया था। पुलिस की समझाइश पर ये सभी ग्रामीण लौट भी गए थे। लेकिन 17 मई 2021 को अचानक यगभग 5 हजार की संख्या में ग्रामीण सिलगेर कैंप के सामने पहुंचकर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। इसी बीच ग्रामीणों की भीड़ से ही अचानक CRPF कैंप में गोलीबारी शुरू हो गई। जवानों ने जवाबी कार्यवाही की जो घंटो चली। जिसमे अफरातफरी भी मची। इस क्रॉस फायरिंग में ही 3 लोगों की जान चली गई। जिनकी शिनाख्त ग्रामीणों के तौर पर वहां पहुंचे लोगो ने की।

ग्रामीणों के शिनाख्ती के बाद भी पुलिस द्वारा शवों को परिजनों को नहीं सौपा गया और मृतकों को नक्सली करार दिया गया। ये बात मृतक उइका पांडु की बसंती ने बताया। 

इधर बस्तर आईजी पी.सुंदरराज की माने तो ये धुर नक्सल प्रभावित इलाका है, इसलिए नक्सली कैंप के विरोध में ग्रामीणों को भला फुसला कर माहौल बना रहे है। आईजी ने ये भी कहा की घटना के बाद उक्त स्थान से भरमार बन्दूक और गोली भी बरामद किया गया था।  

अब मजेस्ट्रियल जांच के आदेश कलेक्टर ने दे दिया है। अब जाँच पर सभी की निगाहें टिकी हुई है। एक माह बाद इस पर परदाफाश होगा। 

 

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प्रकाशित
Swaroop Bhattacharya

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