नई दिल्ली / रायपुर | कोरोना से जुड़े आवश्यक सामानों पर कर से छूट को लेकर वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल ने आठ सदस्यीय मंत्रियों के पैनल का गठन किया है, जिसमें कांग्रेस शासित राज्यों के किसी भी सदस्य को शामिल नहीं किया गया है।
गौरतलब है की 25 मई को हुई केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की अध्यक्षता में आयोजित जीएसटी परिषद की 43वीं बैठक में प्रदेश के वाणिज्यिक कर मंत्री टी.एस.सिंहदेव ने कोरोना नियंत्रण और इसके इलाज में उपयोग होने वाले दवाईयों, मेडिकल समानों और उपकरणों पर शून्य प्रतिशत जीएसटी लगाने का सुझाव दिया था। उन्होंने राज्यों को अपना राजस्व बढ़ाने जीएसटी पर एक प्रतिशत सेस लगाने की अनुमति प्रदान करने की भी मांग रखी थी।
मंत्री सिंहदेव ने दिया था सुझाव
मंत्री सिंहदेव ने जीएसटी के नियमों के तहत जीएसटी कानून में ही उत्पादों पर शून्य प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने के प्रावधान का उल्लेख बैठक में किया था।
वाणिज्यिक कर मंत्री सिंहदेव ने परिषद की बैठक में जीएसटी परिषद की अध्यक्ष निर्मला सीतारमन से गुहार लगाई थी कि यह महामारी का कठिन समय है। राज्य सरकारों और नागरिकों को राहत देने के लिए कोविड-19 के नियंत्रण और इसके इलाज में उपयोग होने वाले दवाईयों, मेडिकल समानों और उपकरणों पर शून्य प्रतिशत जीएसटी लगाया जाना चाहिए। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इसे सीमित समय के लिए लागू करने पर केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए।
CM भूपेश ने जताई नाराजगी
जीएसटी की बैठक में सुझाव छत्तीसगढ़ के द्वारा दिया गया। लेकिन इसके बावजूद भी आठ सदस्यीय मंत्रियों के पैनल में छत्तीसगढ़ को शामिल नहीं किये जाने पर CM भूपेश ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, गठित समिति में कांग्रेस शासित राज्यों के सदस्य का शामिल ना होना, सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है। कांग्रेस शासित राज्यों के मंत्री जो जीएसटी परिषद का हिस्सा हैं, उन्हें कोविड राहत सामग्री पर जीएसटी दरों पर चर्चा करने के लिए गठित जीओएम (मंत्रियों के समूह) में शामिल किया जाना चाहिए।
कांग्रेस शासित राज्यों के किसी भी सदस्य को शामिल नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है और सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है।
मुख्यमंत्री भूपेश के अनुसार, कांग्रेस पार्टी पिछले कई दिनों से हर स्तर पर कोविड महामारी से प्रभावी ढंग से मुकाबले के लिए वैक्सीन, दवाइयों और अन्य उपकरणों पर जीएसटी की छूट के लिए लगातार मांग कर रही है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में भी कांग्रेस शासित राज्यों के मंत्रियों ने इस संबंध में जीएसटी में छूट देते हुए 5 प्रतिशत के स्थान पर 0.1 प्रतिशत की दर रखने का प्रस्ताव रखा था।
काउंसिल में इस पर सहमति नहीं बनने पर इस विषय पर विचार के लिए जीएसटी काउंसिल के अध्यक्ष द्वारा एक आठ सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि, इसमें जानबूझकर एक भी कांग्रेस शासित राज्य के मंत्री को सदस्य नहीं बनाया गया है ताकि इस मांग पर विचार ही न हो।
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