Video:बेंगलुरु के वैज्ञानिक पुनीत सिंह बदलेंगे अब बस्तरवासियों की तक़दीर
बहते नाले के पानी से मिलेगी बिजली,कोशिश लाई रंग

धर्मेंद्र महापात्र,बस्तर | जर्मनी में माइक्रो हाइड्रो से पीएचडी करने वाले बेंगलुरु के वैज्ञानिक पुनीत सिंह ने बस्तरवासियों की तक़दीर बदलने की ठान रखी है। पुनीत ने लाखों का पैकेज छोड़ बस्तर में नया सवेरा लाने की कोशिश में लगे हैं।
इन्होंने माइक्रो हाइड्रो से एक ऐसी तकनीक ईजाद की है जिसके जरिये बिना बाहरी एनर्जी के बहते नाले के पानी से बिजली बनाई जा सकती है । इतना ही नही एक बड़े भू भाग तक सिंचाई की सुविधा और एक पूरे गांव को पेयजल भी इसी मशीन से उपलब्ध करवाया जा सकता है । ये प्रोजेक्ट अपने खुद की एक करोड़ की अधिक की धनराशि लगाकर पुनीत ने बस्तर के कावापाल गांव में शुरू किया है । वे 1914 से इस कार्य में लगे हुये हैं और अब उनकी मेहनत रंग लाने लगी है ।
कुल साढ़े चार करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट में जर्मनी से इन्हें मदद मिली है और करीब 74 लाख रुपये ये खुद लगा चुके हैं इन्होंने यह तकनीक जर्मनी में अपने रिसर्च के दौरान ईजाद की । जर्मनी सरकार ने खुश होकर इन्हें आर्थिक मदद की । पुनीत बस्तर के आदिवासियों को अपनी ही ज़मीन पर बेहतरीन जैविक कृषि कर बम्पर पैदावार उत्पन्न करते देखना चाहते हैं ।
माचकोट वन परिक्षेत्र का अविकसित गांव है कावापाल । पुनीत की चार सालों की मेहनत और जनकल्याण के प्रयासों से इस गांव के लोगों को भरोसा हो गया है कि उनकी किस्मत निश्चित बदलेगी और शासन ने साथ दिया तो पूरे बस्तर में कृषि क्रांति आ जायेगी ।
देखिये बस्तर की तक़दीर बदलने वाले वैज्ञानिक का करिश्मा_Watch Video-