कोविड की संभावित तीसरी लहर से पहले छत्तीसगढ़ सरकार की जोर आजमाइश शुरू

गांवों से लेकर शहरों तक बेहतर होंगे सरकारी अस्पताल-मुख्यमंत्री

रायपुर | कोविड की संभावित तीसरी लहर से पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी अस्पतालों की बुनियादी सुविधाओं और अधिक बेहतरी के लिए जोर आजमाइश शुरू कर दिया है। 

गांवों से लेकर शहरों तक के अस्पतालों को बेहतर बनाने और उन्हें समस्त सुविधाओं से युक्त करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विभागीय मातहतों को निर्देशित कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है, स्वास्थ्य अधोसरंचना को सशक्त बनाने और छत्तीसगढ़ के दूरदराज के इलाकों तक सर्वसुविधायुक्त उपचार व्यवस्था बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी।

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कटु अनुभवों से काफी सीख मिल चुकी है। इसमें सभी ने अपने कई करीबियों को हमेशा के लिए खो दिया है। जिसे अब और दोहराया नहीं जायेगा। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने गांवों से लेकर जिला मुख्यालयों तक सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाओं को मजबूत करने का काम जोर शोर से शुरू कर दिया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों एवं विकासखण्ड स्तरीय अस्पतालों को सर्वसुविधायुक्त बनाने के लिए जिला कलेक्टरों को 15 दिनों में आवश्यक बजट के साथ कार्य-योजना तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है , स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूती देने का काम सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया जाना है, ताकि यदि तीसरी लहर की स्थिति बनती भी है तो उससे पूरी ताकत के साथ निपटा जा सके। पिछले 6 माह में कोरोना के इलाज की व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने की दृष्टि से इन अस्पतालों में आक्सीजन संबंधी उपकरण, आईसीयू बिस्तर, वेन्टिलेटर्स इत्यादि की संख्या में वृद्धि हुई है।

इन स्वास्थ्य उपकरणों का बेहतर रखरखाव और लगातार उपयोग कोरोना की संभावित तीसरी लहर की तैयारी के लिए भी आवश्यक है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डाक्टरों की संख्या में भी पिछले दिनों में काफी बढ़ोतरी हुई है, किन्तु स्वास्थ्य प्रबंधन और मजबूत किया जाना अभी भी आवश्यक है।

सरकार के अनुसार, प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के विकास की एक योजना शीघ्र तैयार की जाये। इस योजना में उपरोक्त सभी अस्पतालों में सर्व सुविधा संपन्न ऑपरेशन रूम, लेबर रूम, लैबोरेटरी, आई.सी.यू. और वेन्टीलेटर की सुविधा, ब्लड बैंक, नि:शुल्क दवा आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा, इन सभी अस्पतालों में 24 घंटे इलाज की सुविधा हो। साथ ही सभी में शिशु रोग, स्त्री रोग, निश्चेतना, पैथॉलाजी, मेडिसीन एवं सर्जरी के पोस्ट ग्रेजुएट चिकित्सक उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाये और जहां पोस्ट ग्रेजुएट उपलब्ध न हो सके, वहां इन विषयों में प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सकों की व्यवस्था की जाये।

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