मुख्यमंत्री बदलने की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं,उठापटक हुई तो दुर्भाग्य
राजकुमार सोनी की कलम से

गांव-गरीब और किसानों के दर्द को समझने वाला एक बढ़िया मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ के पास हैं, लेकिन कतिपय लोग अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा और भाजपा से अंदरूनी सांठगांठ के चलते आए दिन परिवर्तन-परिवर्तन की रट लगाए रहते हैं।
राजकुमार सोनी
हर दो-तीन महीने में पेड मीडिया के जरिए यह खबर उछाल दी जाती हैं कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री को लेकर कोई ढाई-ढाई साल का फार्मूला लागू होने वाला है।
हालांकि कांग्रेस आलाकमान की ओर से कभी किसी तरह के परिवर्तन का संकेत नहीं दिया गया। राजनीतिक प्रेक्षक भी मानते हैं कि यहां दो दलों की सरकार नहीं हैं इसलिए दूर-दूर तक ऐसी किसी बात की संभावना भी नहीं है। जिस एक चैनल ने कल बदलाव-परिवर्तन के नाम पर खबर चलाई थीं उसने अपने उच्च पदस्थ सूत्रों का हवाला देकर खबर का खंडन भी कर दिया है। बावजूद इसके रट तो रट है और फिर कमाने-खाने के तौर तरीके ढूंढने वाली गोदी मीडिया अपना करतब दिखाने के लिए मौजूद है ही तो यह माना जा सकता है देर-सबेर फिर कभी हम सबको भ्रम फैलाने वाली संघी छाप खबरों से फिर गुजरना पड़ सकता है।
वैसे प्रदेश की एक बड़ी आबादी का मानना हैं कि अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ बेहद शांत है और यहां भूपेश सरकार का कामकाज भी बेहतर ढंग से चल रहा है। अगर कभी कोई उठापटक होती हैं तो इसे छत्तीसगढ़ का दुर्भाग्य ही माना जा सकता है। यह दुर्भाग्य किस तरह का होगा उसे यहां का मूल निवासी यानि ठेठ छतीसगढ़ियां ही ठीक ढंग से जान-समझ सकता है।
(लेखक, राजकुमार सोनी वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनितिक विश्लेषक हैं)
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