EXCLUSIVE बलरामपुर के वन अफसरों ने जंगल में इस तरह मनाया स्वतंत्रता दिवस

नदी पार कर पहुंचे गांव, फुटबाल खेला,पट्टे की दी सौगात, रात भी गुजारी

चंद्रकांत पारगीर, बैकुंठपुर। सरगुजा संभाग के बलरामपुर जिले में स्वतंत्रता दिवस पर वनअफसरों को पहली बार अपने बीच पाकर ग्राम चिलमा के ग्रामीण अभिभूत हो उठे। कभी नक्सल प्रभावित जंगल से घिरे इस गांव में  बड़े अफसर नदी पार करते अपने अमले के साथ पहुंचे थे। आजादी के बाद से अब तक मूलभूत सुविधाओं को तरसते यहां के वनवासी मिले सौगातों के अलावा इस बात से भी काफी खुश थे कि किसी अफसर ने रात गुजारी।

दरअसल घने जंगलों से घिरे ऐसे ग्राम चिलमा में बलरामपुर वनमंडल के अधिकारियों ने स्वतंत्रता दिवस मना कर वनवासियों को चौका दिया। अधिकारी पहले गले तक भरे पानी से भरी नदी मे तैर गांव तक पहुंचें, उन्हें मिठाईयां बांटी, उनके साथ फुटबाल मैच खेला, उनके वन अधिकार पट्टे का वितरण किया और प्रत्येक परिवार को 50-50 पेड लगाने की शुरूआत की।  रात भी वहीं गुजारी, फिर सुबह जब नदी का पानी कम हुआ लौट आए।

इस संबंध में डीएफओ लक्ष्मण सिंह ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस पर हमने ऐसे गांव का चयन किया जहां कभी कोई नहीं गया हो। कार्यालय में झंडा वंदन के पश्चात एसडीओ विजय भूषण केरकेट्टा, रेंजर संतोष पांडेय, डिप्टी रेंजर ओम प्रकाश तिवारी की टीम को मैंने ग्राम चिलमा रवाना किया। जहां संरक्षित जनजाति कोरवा और नगेशिया परिवारो की बाहुल्यता है, उन्हें सरप्राईज देते हुए उनके वन अधिकार पट्टो को वितरण किया गया, साथ उनके साथ 50-50 फलदार पेड लगाने की शुरूआत भी की गई, उनकी समस्याओं में सबसे बडी समस्या आवागमन की है, जो जल्द की दुरूस्त की जाएगी।

स्वतंत्रता दिवस पर बलरामपुर वन मंडल ने ऐसे गांव का चयन कर ग्रामवासियों के बीच सरकारी की योजनाओं को पहुंचाने का प्रयास किया, इसके लिए डीएफओ लक्ष्मण सिंह के निर्देश पर एसडीओ विजय भूषण केरकेट्टा, रेंजर संतोष पांडेय, डिप्टी रेंजर ओम प्रकाश तिवारी की टीम ग्राम चिलमा के लिए रवाना हुई। पूरा गांव चारों और नदी से घिरा हुआ है। वन अफसर नदी में गले तक पानी को पार कर चिलमा पहुंचे। सहसा अपने बीच पाकर ग्रामीणों ने भी पारंपरिक गीत गाकर उनका जोरदार स्वागत किया।  अधिकारियों ने अपने साथ लाई मिठाई का वितरण किया।

स्वतंत्रता दिवस पर अचानक अधिकारियों को अपने बीच पाकर ग्रामीणों के साथ महिलाएं और बच्चे भी काफी खुश नजर आए। शाम को जब लौटने की बारी आई तो  नदी उफान पर थी, लिहाजा अधिकारियों ने रात वहीं गुजारी, दूसरे दिन नदी में पानी कम होने पर 16 अगस्त को वापस लौटे।


पौधारोपण कर प्रेरित किया
चिलमा पहुंची वन विभाग की टीम अपने साथ काफी संख्या में फलदार पौधे भी लेकर पहुंची थी, जहां अधिकारियों ने ग्रामीणों के बीच पौधारोपण अभियान की शुरूआत की, उन्हे पेडों को बचाने के लिए प्रोत्साहित किया, पहले कुछ पौधे अधिकारियों ने लगाए बाद में ग्रामीणों से पौधे लगवाए गए, सभी परिवारों को 50-50 पौधे वितरित किए गए और उन्हें लगाकर उनकी सुरक्षा करने की बातें भी बताई गयी।

फूटबाल मैच का हुआ आयोजन
चिलमा पहुंची वन विभाग के अधिकारियों की टीम अपने साथ खिलाडियों के लिए ड्रेस लेकर गई थी, साथ ही कुछ फूटबाल भी। जिसके बाद वहां उपस्थित कई नौजवानों को ड्रेस का वितरण कर उन्हें खेलने के लिए तैयार किया गया, जिसके बाद वन विभाग की टीम और ग्रामीणों के बीच एक फूटबाल मैच का आयोजन भी किया गया, जिसका पूरे गांव ने काफी आन्नद उठाया।

बांटे वन अधिकार पट्टे

एसडीओ विजय भूषण केरकेट्टा के द्वारा ग्रामीणों को उनके वन अधिकार पट्टे के संबंध में बताया, उन्हें बताया कि राज्य सरकार वनवासियों का पूरा ध्यान रख रही है, जिसके बाद एक एक करके सभी को वन अधिकार पट्टे के साथ ऋण पुस्तिका का वितरण भी किया।

मूलभूत सुविधाओं का है अभाव
बलरामपुर वनमंडल अंतर्गत राजपुर वन परिक्षेत्र में पहुंचविहीन ग्राम चिलमा मूल भूत सुविधाओं का मोहताज है, वन क्षेत्र होने के कारण यहां ना तो सडक है और नदी नालों पर पुल पुलिया भी नहीं बनी है, ऐसे में यहां 79 कोरवा आदिवासी परियार के साथ काफी संख्या में नागेशिया जाति के लोग निवासरत है। बारिश के दिनों में यह गांव पूरी तरह ब्लाक मुख्यालय से कट जाता है।