ढ़ाई लाख की मशीन से पुराने रंग में नजर आएगा हॉकी स्टेडियम का एस्ट्रोटर्फ

स्टेडियम के अस्तित्व में आने के 6 साल बाद पहली बार हटेगी धूल की जमीं परतें

प्रदीप मेश्राम, राजनांदगांव। राजनांदगांव के अंतर्राष्ट्री हॉकी स्टेडियम का एस्ट्रोटर्फ अगले कुछ दिनों में फिर से अपने मूल स्वरूप में लौट आएगा। सालों से एस्ट्रोटर्फ में जमीं धूल की परतों को हटाने के लिए ढ़ाई लाख की अत्याधुनिक एक्यूपे्रशर क्लीनर मशीन की मदद ली जाएगी। राजनांदगांव स्थित खेल के सबसे बड़ी संस्था सांई (भारतीय खेल प्राधिकरण) की मदद से यह मशीन प्रशासन के जरिए स्टेडियम समिति को उपलब्ध करा दी गई है।

लगभग 6 साल पूर्व हॉकी स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ लगने के बाद समिति को धूल और गंदगी को हटाने के लिए मशीन मिलने का बेसब्री से इंतजार था। भोपाल से आई इस मशीन से मैदान की खोई हुई रौनकता वापस लौट आएगी। हरे रंग के कृत्रिम घास में अब शानदार खेल का प्रदर्शन दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। लंबे समय से स्टेडियम समिति द्वारा रख-रखाव के लिए मशीन की मांग होती रही है। हॉकी स्टेडियम के प्रति मशीन की कमी की वजह से खिलाडिय़ों का आकर्षण भी कम होने लगा था।

छत्तीसगढ़ हॉकी संघ के अध्यक्ष फिरोज अंसारी का कहना है कि इस तकनीकी समस्या को दूर करने के लिए मशीन समिति के पास पहुंच गई है। निश्चिततौर पर एस्ट्रोटर्फ की चमक इससे दोबारा लौटेगी। सांई ने एक अभिनव पहल करते हुए उक्त मशीन को उपलब्ध कराया है। हालांकि खेल से जुड़े लोगों का कहना है कि एस्ट्रोटर्फ के लिए कम से कम दो और मशीनों की जरूरत है, क्योंकि धूल को हटाने के लिए कम से कम 24 घंटे नियमित मशीन को चलाना पड़ेगा।

उधर भोपाल से आए तकनीकी कर्मियों ने स्थानीय समिति के कर्मचारियों को मशीन चलाने का प्रशिक्षण दिया। इस मशीन के जरिए समय-समय पर टर्फ की धूल और गंदगी को हटाया जाएगा। बहरहाल नांदगांव को हॉकी की नर्सरी के रूप में ख्याति प्राप्त है। ऐसे में यह मशीन टर्फ को नया रूप देगी। वहीं खिलाडिय़ों को 16 फरवरी से प्रस्तावित हॉकी प्रतियोगिता में अपने खेल कौशल का प्रदर्शन करने में भरपूर मदद मिलेगी।